Lohe Ki Anguthi Ke Labh
आज हम इस लेख में जानेगे lohe ki anguthi ke labh। किसको यह लोहे की अंगूठी पहननी चाहिए, कौन सी अंगुली में पहननी चाहिए और इससे क्या क्या फायदे होते है सब।
जिस किसी की कुंडली में शनि साढ़े सती या ढैय्या चल रही होती है उसे ही लोहे की अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह हमे शनि देव की बुरी दृष्टि से बचाती है। जीवन में शनि साढ़े सती चलने से इंसान का बुरा समय शुरू हो जाता है। साढ़े सती या ढैय्या से पीड़ित इंसान बीमार रहने लगता है, धन की हानि होने लगती है और उसके घर में कलह क्लेश रहता है। लोहे की अंगूठी धारण करके साढ़े सती के बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है।
यह लोहे की अंगूठी आम लोहे की नहीं होती। यह लोहे की अंगूठी या तो काले घोड़े की नाल से बनी होती है जो दौड़ते हुए घोड़े के पैरों से छिटक कर निकल जाती है या फिर नांव की पुरानी कील से इसे बनाया जाता है। उसके बाद शनिवार के दिन इसे धूप दीप दिखाकर शनि देव की पूजा अर्चना करके धारण किया जाता है।
अगर आप की कुंडली में भी शनि की साढ़े सती या ढैय्या चल रही है और आप परेशान है तो आप अपने पंडित जी से इसके उपाए के बारे में पूछ सकते है क्योंकि वह आपकी कुंडली देख कर ही उत्तम उपाए बताएंगे। जिस किसी की कुंडली में शनि दोष नहीं है और शनि अच्छा फल दे रहा होता है उनको यह लोहे की अंगूठी धारण नहीं करनी चाहिए। इसीलिए आपसे निवेदन है कि लोहे की अंगूठी धारण करने से पहले आप अपने पंडित जी से जरूर पूछ ले लें।
Lohe Ki Anguthi Ke Labh
- जो लोग लोहे का छल्ला या अंगूठी दाहिने हाथ के मध्यम अंगुली में पहनते है वह शनि देव के साढ़ेसती के प्रकोप से बचे रहते है।
- लोहे की अंगूठी धारण करने से शनि राहु और केतु के दोष प्रभावों से बचा जा सकता है।
- लोहे की अंगूठी धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती।
- माना जाता है की दाहिने हाथ की मध्यम अंगुली में लोहे का छल्ला धारण करने से किडनी में होने वाला दर्द ठीक हो जाता है।
लोहे की अंगूठी या छल्ले को कब धारण करें :
लोहे के छल्ले या अंगूठी को धारण करने के सबसे अच्छा नक्षत्र अनुराधा, पुष्य, उत्तरा और भाद्रपद है आप इन नक्षत्रों में इस लोहे के छल्ले या अंगूठी को आप धूप दीप दिखाकर पूजा अर्चना करके शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद पहन सकते है।
कौन सी अंगुली में धारण करें:
लोहे के छल्ले या अंगूठी को दाहिने हाथ की मध्यम अंगुली में धारण करना चाहिए क्योंकि मध्यम अंगुली के नीचे शनि पर्वत होता है और इस अंगुली का सम्बन्ध शनि देव से है इसी लिए लोहे के छल्ले या अंगूठी को मध्यम अंगुली में पहना जाता है।
नोट: मित्रों आपसे से निवेदन है कि अगर आप लोहे के छल्ले या अंगूठी को धारण करना चाहते है तो एक बार अपने पंडित जी से जरूर बात कर लें।
निष्कर्ष
आज हमने पढ़ा Lohe Ki Anguthi Ke Labh और किसको यह लोहे की अंगूठी पहननी चाहिए, कौन सी अंगुली में पहननी चाहिए और कब पहननी चाहिए। हमें पूरा विश्वास है कि आपको यह जानकारी बहुत अच्छी लगी होगी। इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें।
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